
नई दिल्ली, 18 अक्टूबर 2025 – बेल्जियम के एंटवर्प कोर्ट ने शुक्रवार (17 अक्टूबर 2025) को भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी। कोर्ट ने चोकसी की अप्रैल में बेल्जियम पुलिस द्वारा गिरफ्तारी को वैध ठहराया, जो भारत की प्रत्यर्पण अनुरोध पर आधारित थी। यह फैसला पीएनबी बैंक घोटाले में लगभग 13,000 करोड़ रुपये के मामले में एक बड़ी जीत है। चोकसी को अब भारत लौटकर सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच का सामना करना पड़ेगा। हालांकि, चोकसी को बेल्जियम के सर्वोच्च न्यायालय में 15 दिनों के अंदर अपील दायर करने का अधिकार है।
घटना का पूरा विवरण
17 अक्टूबर 2025 को एंटवर्प कोर्ट में सुनवाई के दौरान बेल्जियम के अभियोजकों ने भारत के पक्ष में मजबूत तर्क पेश किए। उन्होंने चोकसी को ‘उड़ान का जोखिम’ (फ्लाइट रिस्क) बताते हुए जेल से रिहा न करने की मांग की। भारत सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि चोकसी को यूरोपीय मानवाधिकार मानकों के अनुरूप मानवीय जेल सुविधाएं और चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाएगी। कोर्ट ने इन तर्कों को स्वीकार करते हुए प्रत्यर्पण प्रक्रिया का पहला चरण पूरा कर लिया।
चोकसी को 11 अप्रैल 2025 को एंटवर्प पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जब वह चिकित्सा उपचार के लिए बेल्जियम में था। उसके बाद से वह एंटवर्प जेल में बंद है। चोकसी ने कई बार जमानत की अर्जी दी, लेकिन बेल्जियम की अदालतों ने इन्हें खारिज कर दिया। मुंबई कोर्ट द्वारा 2018 और 2021 में जारी दो वारंटों पर यह कार्रवाई हुई।
पीएनबी घोटाले में था शामिल
मेहुल चोकसी, गुजरात के हीरा व्यापारी और जीएसटीएन के मालिक, अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये (लगभग 2 अरब डॉलर) का घोटाला करने के आरोपी हैं। 2018 में घोटाला उजागर होने के बाद चोकसी भारत से भाग गया और एंटीगुआ व बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली। बाद में वह कैरिबियन से यूरोप चला गया। ईडी ने उसके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है, जिसमें 2,565 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई। सितंबर 2025 में मुंबई कोर्ट ने इन संपत्तियों की नीलामी की अनुमति दी। नीरव मोदी अभी ब्रिटेन में प्रत्यर्पण प्रक्रिया का सामना कर रहा है।
