नई कार खरीदना हर किसी का सपना होता है, लेकिन उत्साह में की गई छोटी-सी गलती भी बाद में भारी पड़ सकती है। चाहे बजट की बात हो, फीचर्स की जांच हो या टेस्ट ड्राइव, इन बातों पर ध्यान न देना महंगा साबित हो सकता है। यहां हम कुछ आम गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जो विशेषज्ञों और ऑटो रिव्यू के आधार पर तैयार की गई हैं। इनसे बचें, तो आपकी कार खरीदारी स्मूथ और संतोषजनक रहेगी।
1. बजट तय न करना या सिर्फ कार की कीमत पर फोकस करना
कई लोग कार की ऑन-रोड प्राइस देखकर ही फैसला ले लेते हैं, लेकिन इंश्योरेंस, रजिस्ट्रेशन, सर्विस, फ्यूल और रखरखाव के खर्च को भूल जाते हैं। इससे EMI का बोझ बढ़ जाता है और मासिक बजट बिगड़ जाता है।
टिप: अपना कुल बजट 20-25% EMI तक सीमित रखें। ऑनलाइन कैलकुलेटर से चेक करें कि लंबे समय में कुल खर्च क्या होगा।
2. टेस्ट ड्राइव न लेना या जल्दबाजी में फैसला लेना
बिना ड्राइव किए कार खरीदना सबसे बड़ी भूल है। इससे कार की हैंडलिंग, सीटिंग कम्फर्ट, इंजन नॉइज या ब्रेकिंग का अंदाजा नहीं लगता। शहर की सड़कों और हाईवे दोनों पर कम से कम 15-20 मिनट ड्राइव करें।
टिप: ऑफर्स के लालच में जल्दबाजी न करें। अपनी जरूरत के हिसाब से 2-3 मॉडल्स की लिस्ट बनाएं और तुलना करें।
3. सेफ्टी फीचर्स को नजरअंदाज करना
लोग अक्सर लुक्स या फीचर्स पर ध्यान देते हैं, लेकिन डुअल एयरबैग, ABS (एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम), रिवर्स पार्किंग सेंसर, ESP (इलेक्ट्रॉनिक स्टेबिलिटी प्रोग्राम) और हेड रेस्ट्रेंट्स जैसे सेफ्टी ऐस्पेक्ट्स को इग्नोर कर देते हैं। ये एक्सीडेंट में जान बचा सकते हैं।
टिप: ग्लोबल NCAP रेटिंग चेक करें। कम से कम 4-स्टार रेटिंग वाली कार चुनें।
4. रिसर्च न करना या सिर्फ सेल्समैन की बात मान लेना
बिना ऑनलाइन रिव्यू, एक्सपर्ट ओपिनियन या कस्टमर फीडबैक पढ़े खरीदना जोखिम भरा है। माइलेज, रीयल-वर्ल्ड परफॉर्मेंस या सर्विस नेटवर्क की जानकारी न लेने से बाद में परेशानी होती है।
टिप: साइट्स जैसे CarDekho, Zigwheels या YouTube रिव्यू देखें। अलग-अलग डीलर्स से कोटेशन लें और नेगोशिएट करें।
5. इंश्योरेंस और वारंटी को हल्के में लेना
कार खरीदते समय बेसिक थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस ही ले लेते हैं, लेकिन कॉम्प्रिहेंसिव कवरेज न लेना महंगा पड़ता है। इसी तरह, एक्सटेंडेड वारंटी या एक्सेसरीज की जांच न करना भी गलत है।
टिप: कम से कम 5 साल की वारंटी वाली कार चुनें। इंश्योरेंस की तुलना PolicyBazaar जैसी साइट्स पर करें।
6. जरूरत के हिसाब से कार न चुनना
फैमिली के लिए SUV चुन ली या सिंगल यूज के लिए सेडान, ये मिसमैच बाद में पछतावा देता है। स्पेस, फ्यूल टाइप (पेट्रोल/डीजल/CNG) या फ्यूल एफिशिएंसी को इग्नोर न करें।
टिप: अपनी डेली ड्राइविंग (किलोमीटर, रोड टाइप) के आधार पर चुनें। हाइब्रिड या CNG ऑप्शन पर विचार करें अगर माइलेज प्रायोरिटी है।
7. डिलीवरी के समय कार चेक न करना
शोरूम से कार लेते समय स्क्रैच, सीट बेल्ट, पेंट या एक्सेसरीज की जांच न करना आम समस्या है। बाद में क्लेम करना मुश्किल हो जाता है।
टिप: डिलीवरी चेकलिस्ट यूज करें। फोटो/वीडियो लें और सभी डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई करें।
8. एक्स्ट्रा एक्सेसरीज या मॉडिफिकेशन पर जल्दबाजी
नई कार में ज्यादा एक्सेसरीज लगवाना वारंटी वॉइड कर सकता है या इंजन को नुकसान पहुंचा सकता है।
