रायबरेली, 13 अक्टूबर 2025: उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले में स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाला एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। सदर तहसील क्षेत्र के भाव गांव स्थित ANM (सहायक नर्स मिडवाइफ) सेंटर में तैनात ANM अर्चना पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है। वीडियो में अर्चना को मरीज के परिजन से नकद राशि लेते हुए दिखाया गया है, जिसके बाद जनता में आक्रोश फैल गया है।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है, जिसमें ANM अर्चना को हरे रंग की साड़ी में एक कमरे में बैठे हुए पैसे गिनते और अपनी जेब में रखते हुए देखा जा सकता है। वीडियो गुप्त रूप से रिकॉर्ड किया गया प्रतीत होता है, जिसमें सेंटर के अंदर कुर्सियां, टेबल और कुछ मेडिकल सामग्री नजर आ रही है। एक अन्य महिला भी वीडियो में मौजूद है, जो संभवतः सहयोगी या मरीज हो सकती है। इस वीडियो ने स्वास्थ्य सेवाओं में भ्रष्टाचार की समस्या को फिर से उजागर किया है, जहां गरीब मरीजों से अवैध वसूली की शिकायतें आम हैं।
सोशल मीडिया पर यूजर्स ने इस घटना को “रिश्वतखोरी का अड्डा” बताते हुए रायबरेली पुलिस और जिलाधिकारी को टैग किया है, मांग की जा रही है कि तत्काल जांच हो और दोषी पर कार्रवाई की जाए। एक यूजर ने लिखा, “गरीब जनता की खून-पसीने की कमाई से अपनी जेब भर रही हैं, क्या यह सही है?” वहीं, अन्य पोस्ट में सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि ANM सेंटर सेवा की जगह सौदेबाजी का केंद्र बन गया है।
रायबरेली जिले के सदर तहसील क्षेत्र में स्थित यह ANM सेंटर ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है, लेकिन इस तरह की घटनाएं विभाग की छवि को धूमिल कर रही हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऐसे सेंटर्स पर अक्सर टीकाकरण, प्रसव या अन्य सेवाओं के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सोशल मीडिया पर उठे सवालों से दबाव बढ़ता जा रहा है।
पुलिस और प्रशासन को टैग किए गए पोस्ट्स में @raebarelipolice और @dmraebareli को सीधे संबोधित किया गया है। उम्मीद की जा रही है कि इस वीडियो की जांच के बाद उचित कार्रवाई होगी। यह घटना उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में पारदर्शिता की कमी को दर्शाती है और गरीबों पर पड़ने वाले बोझ को उजागर करती है। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा उदाहरण बन सकता है।
